वित्त मंत्री सीतारमण जी ने खुद को कर लिया लॉक

Budget 2023 वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण जी अपना पांचवा बजट 2023 पेश करने जा रही हैं जिसके तहत वित्‍त मंत्री को खुद ही लॉकर में बंद होना पड़ता है, हम इस आर्टिकल के द्वारा जानेंगे की वित्‍त मंत्री खुद को लॉकर में बंद क्यों करते है। 

वित्‍त मंत्री खुद को लॉकर में बंद क्यों करते है। 

बजट पेश होने से पहले वित्त मंत्रालय के अंदर एक हलवा सेरेमनी होती है। हलवा सेरेमनी में हलवा वितरित किया जाता है। बजट छपते समय वित्त मंत्रालय के अंदर हलवा सेरेमनी इसलिए रखी जाती हे क्योंकि बजट छापते समय कोई भी बात लीक न हो जाये क्योकि बजट जैसे आएगा तो आप देखना Stock Market में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक मात्रा में होने लगेंगे आपको स्टॉक मार्किट बताएगा की स्टॉक मार्किट ने इस बजट को कितना पॉजिटिव लिया और कितना नेगेटिव लिया उससे ये पता लग जायेगा की महंगाई बढ़ने या घटने से क्या होगा इसलिए ये बाते गुप्त रखी जाती है। 

किसी को ये बातें पता न चले इसलिए वित्त मंत्रालय के सभी कर्मचारियों को वित्त मंत्रालय में बंद कर दिया जाता है साथ में टाइपिंग मशीन, प्रिंटिंग मशीन आदि को अंदर बंद कर दिया जाता है। इस सेरेमनी के बाद बजट पेश होने तक वित्त मंत्रालय के संबंधित अधिकारी किसी के संपर्क में नहीं रहते परिवार से दूर उन्हें वित्त मंत्रालय में ही रुकना पड़ता है।

बजट आने के बाद क्या होता है?

बजट आने के बाद इस पर 2 से 3 दिन तक चर्चा करेंगे  फिर राष्ट्रपति (President) के पास यानी लोकसभा और राज्यसभा से होते हुए राष्ट्रपति के अनुमोदन (Approval) के बाद ये कानून (Act) बन जायेगा। इसके बाद इसका कार्यान्वयन (Implementation) होता है। जब पूरी तरह कार्यान्वयन हो जाता है तब Act 148 के तहत जानकारी प्राप्त करेगा की पिछले वर्ष बजट का सही उपयोग हुआ की नहीं ये साल पूरे साल भर के बजट को चेक करता है।   

बजट सबसे ज्यादा बार किसने पेश किया?

अब तक सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई (Morarji Desai) के पास है, उन्होंने 10 बार बजट पेश किया है।

इसके बाद इस पोस्ट पर दूसरे नंबर पर पी चिदंबरम (P Chidambaram) का नाम आता है, चिदंबरम ने 9 बार बजट पेश किया। 

तीसरे नंबर पर प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का नाम आता है, उन्होंने 8 बार बजट पेश किया था। 

यशवंत राव चव्हाण (Yashwant Rao Chavan), सीडी देशमुख (CD Deshmukh) और यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने 7-7 बार बजट पेश किया था। 

मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) और टीटी कृष्णमाचारी (TT Krishnamachari) ने 6-6 बार बजट पेश किया। 

बजट सबसे कम बार किसने पेश किया?

देश के सबसे पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru), चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh), एनडी तिवारी (ND Tiwari), इंदिरा गांधी (Indira Gandhi), राजीव गांधी (Indira Gandhi) , मधु दंडवते (Madhu Dandavate), सचिंद्र चौधरी (Sachindra Chowdhary) और एसबी चव्हाण (SB Chavan) वित्त मंत्री रहते हुए इन सभी ने एक-एक बार देश का बजट पेश किया था। निर्मला सीतारमण अपना इस साल का 5वां बजट पेश करके इन नेताओं को पीछे छोड़ देंगी। 

भारत में बजट की शुरुआत कब से हुई थी?

भारत में बजट की शुरुआत सन् 1860 से हुई थी। भारत का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को पेश किया गया था। जिसे ब्रिटिश सरकार के वित्त मंत्री जेम्स विल्सन (James Wilson) ने पेश किया था। उसके बाद बजट बनाने का समय बदला, सन 1924 से लेकर 1999 तक बजट फरवरी के अंतिम दिन शाम 5 बजे पेश किया जाता था । यह समय सर बेसिन ब्लैकैट (Sir Basil Blackett) ने सन 1924 में शुरू किया था।  

FAQ – Budget 2023 in Hindi

स्वतंत्र भारत का पहला बजट क्या था?

स्वतंत्रता के बाद देश का सबसे पहला बजट वित्त मंत्री आर के षणमुखम चेट्टी (R K Shanmukham Chetty) ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया। इसमें 15 अगस्त 1947 से लेकर 31 मार्च 1948 के दौरान साढ़े सात महीनों को शामिल किया गया।

अंतरिम बजट की खोज किसने की थी 

आर के षणमुखम चेट्टी (R K Shanmukham Chetty) ने 1948-49 के बजट में पहली बार अंतरिम शब्द का उपयोग किया था।

गणतंत्र भारत का पहला बजट कब बनाया गया था?

भारत के गणतंत्र की स्थापना के बाद सबसे पहला बजट 28 फरवरी 1950 को जान मथाई (Jaan Mathai) ने पेश किया था । इस बजट में नई-नई  योजना की स्थापना का वर्णन किया था।

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