डिजिटल गोल्ड क्या है? डिजिटल गोल्ड में निवेश करने के फायदे व नुकसान।

हमारे देश में सोना (gold) में निवेश करने की प्रथा बहुत समय से चली आ रही है। आज इतने सारे निवेश करने के ऑप्शन आ जाने के बाद भी सोने(Gold) में निवेश करना हम भारतीयों की पहली पसंद है। हमारे यहां हमारे बड़े बुजुर्ग ने हमें गोल्ड में निवेश करना सिखाया है, ताकि जीवन में जब भी हमें पैसों की जरूरत हो या कोई आपात कालीन स्थिति आ जाए तो हम सोने को बेचकर हमारा काम कर सकें।

डिजिटल क्रांति आ जाने से आजकल हम लगभग हमारे सारे काम डिजिटली या इंटरनेट के माध्यम से करते हैं। डिजिटल क्रांति का असर हमें सोने की खरीदी में भी देखने को मिला है। पहले हमें सोना लेना होता था, तो हम सुनार की दुकान पर जाते थे। परंतु आज हम सोने को हमारे फोन पर डिजिटली रूप में खरीद सकते हैं।

आज भी बहुत से लोग डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) के बारे में नहीं जानते हैं, इसलिए आज हम हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे डिजिटल गोल्ड क्या है? हम कैसे डिजिटल गोल्ड को खरीद सकते हैं ? डिजिटल गोल्ड के फायदे और नुकसान के बारे में भी हम यहां चर्चा करेंगे।

डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) क्या है?

डिजिटल गोल्ड भी भौतिक गोल्ड की तरह ही है, बस हुम डिजिटल गोल्ड (सोना) को ऑनलाइन प्लेटफार्म से ही खरीद सकते हैं जहां गोल्ड की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुसार 24*7 लाइव होती हैं। जिस समय हम डिजिटल गोल्ड को खरीदते हैं या बेचते हैं, उस समय जो भी कीमत चल रही हो बाजार में उसी के अनुसार डिजिटल गोल्ड का मूल्य तय होता है।

डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) कोई आभूषण या सोने के सिक्के नहीं है। आसान भाषा में समझा जाए तो डिजिटल गोल्ड का मतलब सोने की ऑनलाइन खरीदी है। जिसमें हम वर्चुअल सोने को खरीद और बेच सकते हैं। हमें ऑनलाइन ई वाल्ट प्रदान किया जाता है, जिसमें हमारे द्वारा खरीदा गया सोना स्टोर किया जाता है। जहां हम डेली बेसिस पर हमारे डिजिटल गोल्ड में निवेश की स्थिति को जांच सकते हैं। डिजिटल गोल्ड की वास्तविक स्वामित्व आपके पास ही होती है, बस गोल्ड सर्विस प्रोवाइडर आपके द्वारा खरीदे गए सोने को अपने वाल्ट में सुरक्षित रखता है।

डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) को कैसे खरीदे 

भारत में सिर्फ MMTC-Pamp, Augmont और SafeGold गोल्ड रिफाइनरी को ही सरकार ने मान्यता दी है डिजिटल गोल्ड को खरीदने और बेचने के लिए। इन सभी गोल्ड रिफाइनरी कंपनी फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर और गोल्ड ब्रांडों के साथ मिल कर देश में डिजिटल गोल्ड आम लोगो तक पहुंचते है।

डिजिटल गोल्ड खरीदना बहुत ही आसान हो गया है जिन्हें हम बहुचर्चित ऐप जैसे Google pay, Phone pe, Amazon, Airtel payment bank, Tanishq, Paytm आदि से खरीद और बेच सकते हैं।

डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) में निवेश करने के फायदे और नुकसान 

जिस प्रकार हम हमारे पैसे को बाजार में म्यूचुअल फंड या शेयर बाजार में निवेश करने से पहले उनके फायदे और नुकसान के बारे में सोचते हैं। उसी तरह डिजिटल सोना लेने से पहले हमें ये जानना बहुत जरूरी हो जाता है की हमारे पैसे सही जगह निवेश हो रहे हे या नहीं।

डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) के फायदे

  • डिजिटल गोल्ड पर हमें मेकिंग चार्ज नहीं देना होता है। जब भी हम बाजार से सोने को खरीदते है तब हमे उसपर लगभग 10% से 15% तक मेकिंग चार्ज देना पड़ता है।
  • डिजिटल गोल्ड में निवेश करने की कोई न्यूनतम सीमा नहीं है, मतलब हम डिजिटल गोल्ड को मात्र ₹1 रुपए से भी 24k गुणवत्ता वाला खरीद सकते हैं।
  • हमारे घर में सोने के आभूषण चोरी होने खतरा सताता है परंतु डिजिटल गोल्ड में चोरी होने का कोई विकल्प ही नहीं है।
  • आज हम चाहे तो हमारे द्वारा खरीदे गए डिजिटल गोल्ड पर लोन भी लिया जा सकता है ।
  • डिजिटल गोल्ड की कीमत भौतिक सोने से ज्यादा होती हैं। हम डिजिटल गोल्ड के 24*7 मार्केट रेट पर बेच सकते है।
  • डिजिटल गोल्ड को आप जब चाहो तब भौतिकी गोल्ड में भी घर पर मंगवा सकते हैं।

डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) के नुकसान 

  • डिजिटल गोल्ड में सबसे बड़ी समस्या विनियमन (Regulation) की अनुपस्थिति है। जिस तरह सॉवेरेन गोल्ड बॉन्ड को आरबीआई और ईटीएफ गोल्ड को सेबी नियंत्रण करती हैं। वही डिजिटल गोल्ड में विनियमन (Regulation) नही होने से डिजिटल गोल्ड के लेनदेन को सही तरह से मैनेज नहीं किया जाता हैं।
  • डिजिटल गोल्ड रिफाइनरी कंपनी ग्राहक को बताती हे कि उनके द्वारा खरीदा डिजिटल सोना उनके वॉलेट में सुरक्षित है, परंतु कम्पनी ने निवेशों द्वारा खरीदा सोना वॉलेट में है या नहीं इसका कोई प्रमाण नहीं होता है।
  • डिजिटल गोल्ड को भौतिक रूप से प्राप्त करने के लिए अलग से चार्ज देना पड़ता है जिसे डिलीवरी चार्ज कहा जाता हैं।
  • जिस प्रकार भौतिक सोने पर 3% GST देना होता है उसी तरह डिजिटल गोल्ड पर भी उतनी ही GST देना पड़ता हैं
  • डिजिटल गोल्ड को रखने के लिए ई वाल्ट प्रदान किया जाता है। ई वॉलेट में गोल्ड रखने  की अवधि 5 साल की होती है उसके उपरांत ग्राहक को डिजिटल गोल्ड की भौतिक गोल्ड में लेना होता है या फिर ई वॉलेट में डिजिटल गोल्ड को रखने के लिए अतिरिक्त चार्ज देना होता हैं।

डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) के बारे में पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

प्रश्न: क्या डिजिटल गोल्ड निवेश अच्छा है?

उत्तर: डिजिटल गोल्ड को भारत सरकार की एजेंसी MMTC द्वारा बेचा जाता है भौतिक सोना खरीदने के झंझट से अच्छा डिजिटल गोल्ड में निवेश करना है।

प्रश्न: डिजिटल गोल्ड किसे कहते हैं?

उत्तर: सोने को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर डिजिटल स्वर्ण मुद्रा (DGC) के रूप में लेनदेन को डिजिटल गोल्ड कहते हैं।

प्रश्न: सोने पर जीएसटी कितना लगता है?

उत्तर: भौतिक और डिजिटल गोल्ड दोनो पर 3% जीएसटी देना होता हैं।

प्रश्न: डिजिटल गोल्ड का नुकसान क्या है?

उत्तर: डिजिटल गोल्ड में विनियमन (Regulation) नहीं होना ही इसका सबसे बड़ा नुकसान हैं।

Narendra Mewada
Narendra Mewada

Narendra Mewada पेशे से एक Banker होने के साथ साथ Stock और Mutual Fund में एक Passionate निवेशक, साथ ही Finance Niche Content Writer। पिछले कुछ समय से मैं लोगों को Financially Independent बनने के लिए अपने हिंदी और सरल भाषा में ब्लॉग लिखकर प्रेरित कर रहा हूं।

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