बजट 2023 कब पेश किया जाएगा? और जानिए दिनांक, समय, और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

केंद्रीय बजट 2023: इस साल के बजट पर बहुत अधिक ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि यह ऐसे समय में प्रस्तुत किया जा रहा है, जब दुनिया मुद्रास्फीति (मांग और आपूर्ति), रसिया व यूक्रेन युद्ध की समस्याओं, वैश्विक मंदी (Global Recession) और वित्तीय संकट (Financial Crisis) से निपट रही है। हम इस आर्टिकल के द्वारा जानेंगे बजट 2023 कब पेश किया जाएगा? दिनांक, समय, और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इस साल भी बजट में नई प्रधानमंत्री योजनाओं को लेकर अहम घोषणाएं होंगी। इसका मतलब है कि इन योजनाओं के लिए नए वित्तीय संसाधन उपलब्ध किए जाएंगे। साथ ही 2024 में अगले चुनाव से पहले यह अंतिम पूर्ण बजट है। इसका मतलब है कि वर्तमान सरकार अर्थव्यवस्था को एक नई, बेहतर दिशा में ले जाने की प्रभारी होगी

बजट 2023 कब पेश किया जाएगा? 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी 1 फरवरी, 2023 को बजट पेश करेंगी। आम तौर पर बजट की प्रस्तुति सुबह 11 बजे से ही शुरू होती है। आप अलग-अलग टीवी चैनलों जैसे लोकसभा टीवी, राज्यसभा टीवी, डीडी न्यूज और अन्य न्यूज चैनलों पर बजट की लाइव स्ट्रीमिंग देख सकते हैं।

आप कई अलग-अलग तरीकों से केंद्रीय बजट के भाषण को लाइव देख सकते हैं। लोकसभा और संसद टीवी के आधिकारिक YouTube और ट्विटर चैनल और साथ ही राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन, सभी भाषण की लाइव स्ट्रीमिंग करेंगे।

पहला केंद्रीय बजट कब पेश किया गया था?

भारत में पहली बार बजट 7 अप्रैल, 1860 को पेश किया गया था, इसे स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ जेम्स विल्सन ने ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर से ब्रिटिश क्राउन के समक्ष (सामने) पेश किया था। हालांकि भारत आजाद होने के बाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को वित्त मंत्री आरके षणमुखम चेट्टी (RK Shanmukham Chetty) द्वारा प्रस्तुत किया गया था। सरकार के पास राजस्व में कुल 171.15 करोड़ रुपये और राजकोषीय घाटा 24.59 करोड़ रुपये था।

केंद्रीय बजट कितने प्रकार के होते हैं और इसे कैसे तैयार किया जाता है?

केंद्रीय बजट एक दस्तावेज है जो अगले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार के अनुमानित (Estimated) खर्च और आय को दर्शाता है। इसे दो भागों में बांटा जाता है: राजस्व बजट और पूंजी बजट।

राजस्व बजट- जो फंड हम कर (Tax) और अन्य स्रोतों से कमाते हैं, वह राजस्व बजट में आते है। राजस्व वह पैसा है जो सरकार लोगों से वसूलती है। यदि सरकार जितना लेती है उससे अधिक पैसा खर्च करती है, तो उसे राजस्व घाटा होता है।

पूंजी बजट- जिस धन का उपयोग हम नई चीजें खरीदने या अपनी उपलब्ध सुविधाओं में सुधार करने के लिए करते हैं, वह पूंजी बजट में आते है। पूंजी बजट धन की वह लिस्ट है जो सरकार भविष्य में प्राप्त करने की उम्मीद करती है। पूंजी बजट में खर्च मशीनरी, औजार, बिल्डिंग, हेल्थ सुविधा, शिक्षा पर खर्च किया जाता है। 

बजट तैयार करना कोई ऐसा काम नहीं है जिसे सिर्फ एक व्यक्ति पूरा कर सके। पूरा वित्त विभाग अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर बजट बनाने का काम करता है बजट तैयार करने की प्रक्रिया अगस्त या सितंबर में शुरू होती है और 1 फरवरी तक चलती है। वित्त मंत्रालय अन्य संबंधित मंत्रालयों से परामर्श (Consultant) करने के बाद बजट तैयार करते है। 

समझिये बजट बनने की प्रक्रिया को 

किसी भी देश में बजट बनाना एक लंबी और महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है और भारत जैसे देश में काफी समय लगता है। भारत में बजट बनाने की प्रक्रिया में काफी समय लगता है और आपको नीचे बजट बनाने की प्रक्रिया के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।

वित्त मंत्रालय के सभी सरकारी कार्यालय जैसे राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, मंत्रालयों और स्वायत्त निकायों से इस बात का अनुमान तैयार करने को कहता है कि उन्हें आने वाले साल में कितने पैसे की जरूरत होगी। फिर मंत्रालय शुरुआती अनुमान देते हैं कि उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और बुनियादी (Basic) जैसी विभिन्न चीजों पर कितना पैसा खर्च करने की आवश्यकता होगी। और वे इस बात की भी जानकारी देते हैं कि पिछले साल कहा-कहा पर कितना पैसा खर्च किया।

सरकार अलग-अलग हिस्सों द्वारा तैयार किए गए बजट अनुमानों को यह सुनिश्चित करने के लिए देखा जाता है कि वे सटीक हैं की नहीं। यह विभाग के मुख्यालय के नियंत्रक (Controller) अधिकारी द्वारा किया जाता है, जो आवश्यकता पड़ने पर कोई परिवर्तन या संशोधन करता है। इसके बाद विभाग का बड़ा अधिकारी संशोधित अनुमान वित्त मंत्रालय को भेजता है।

वित्त मंत्रालय देखता है कि प्रत्येक विभाग कितना पैसा खर्च कर रहा है, और तय करता है कि प्रत्येक विभाग को कितना पैसा देना चाहिए।अगर विभाग और पैसा खर्च करना चाहता है तो वित्त मंत्रालय अपनी खर्च सीमा को कम कर सकता है। लेकिन वित्त मंत्रालय विभाग से बात करने और उससे संबंधित अन्य विभागों से बात करने के बाद ही यह निर्णय लेता है। अगर कैबिनेट वित्त मंत्रालय के फैसले को मंजूरी दे देती है तो बजट पूरा हो जाता है। इसके बाद मंत्रिमंडल के पास स्वीकृत होने जाता है। 

वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री अन्य कैबिनेट सदस्यों के साथ मिलकर बजट की जांच करते हैं ताकि यह तय किया जा सके कि कौन सी नीतियां (Policy) वित्त और राजस्व से संबंधित है। बजट को पूरे कैबिनेट सदस्यों के साथ मिलकर बनाया जाता है, फिर इसे संसद में पेश किया जाता है।

भारत के संविधान में कहा गया है कि पैसा खर्च करने से पहले सरकार को पहले संसदीय स्वीकृति लेनी होगी। बजट फरवरी की शुरुआत में संसद में पेश किया जाता है, और संसद के पास इस पर विचार करने के लिए कुछ सप्ताह का समय होता है। एक बार जब राष्ट्रपति बजट को मंजूरी दे देते हैं, तो यह प्रभावी हो जाता है।

FAQ – Budget 2023 in Hindi

केंद्रीय बजट कौन बनाता है? 

केंद्रीय बजट विभिन्न सरकारी विभागों के बीच विचार-विमर्श करने के बाद वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किया जाता है? 

क्या बजट बनाना जरूरी है?

बजट आपको अपने खर्चों पर नज़र रखने और आपको आर्थिक रूप से स्थिर रखने में मदद कर सकता है। इससे आपको अपने बिलों का समय पर भुगतान करने, आपातकालीन निधि बनाने और कार या घर जैसे बड़े खर्चों के लिए बचत करने में मदद मिल सकती है।

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